आज छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में नक्सालियों ने एक हिर्दये विदारक घटना को अंजाम दिया | उन्होंने सांसद श्री बलिराम कश्यप के बेटों को गोलियां मर दी ,और जब उन्होंने गोलियां मारी तो वे दोनों दुर्गाष्टमी के उपलक्ष्य में हवन कर रहे थे जिनमें से एक लड़के की तो घटना के कुछ समय बाद ही मौत हो गई |
नक्सलियों का जन्म जहाँ तक मेरी जानकारी है बंगाल के नक्सल बाडी इलाके से हुई थी |जिसके नाम पर ही इसका नाम नक्सल वाद पड़ा | उस समय इनका जन्म गरीबो पे किए जा रहे अत्याचार और सरकारी योजनाओं का उन तक न पहुँच पाने की वजह से उमडे असंतोष की वजह से हुआ था |पर आज क्या ये अपने उसी उद्देश्य के साथ आगे बढ़ रहे है ? क्या इनका उद्देश्य उन्ही गरीबो के लिए लड़ना है जिनके लिए इन्होने हथियार उठाय थे ? मुझे तो ऐसा नही लगता |
आज ये उन्ही गरीबो को पिछडी हुई जिंदगी देने के लिए जिम्मेदार है | इनकी वजह से ही नक्सल प्रभावित इलाको में विकास के कोई कार्य नही हो पा रहे है | आज ये किसी भी प्रकार की शिक्षा का विकास उन इलाको में नही होने दे रहे है | आखिर क्यो ? इनका उद्देश्य तो यही था की सब का विकास हो और सभी, विकास की उस मुख्य धरा से जुड़े जिनमे शहर के बासिन्दे रह रहे है |आज ये कभी वहां बिजली के सब स्टेशन उडा देते है ,तो कभी मोबाइल के टावर ही नही लगने देते ,कभी ये स्कूल के भवन को ध्वस्त कर देते है, तो कभी स्कूल जा रहे किसी बच्चे को मार कर फेक देते है और उस मासूम बच्चे पर ये इल्जाम लगा देते है की वह पुलिश का मुखबीर है? आप ही सोचिये क्या ये सही है क्या ये वही नक्सली है जो नक्सल बाडी से पैदा हुवे और आज लगभग सारे भारत में फ़ैल चुके है | क्या ये इतने शक्ति साली हो चुके है की हमारी सरकारें इनका मुकाबला नही कर पा रही है ? या फ़िर करना नही चाहती है ?
मुझे तो ऐसा ही लगता है की हमारी सरकारें चाहे वो राज्य शासन हो या केन्द्र शासन दोनों में ही इक्षाशक्ति की कमी महसूस होती है |नही तो आप ही बताइए हमारा पड़ोसी देश श्रीलंका एक माह के अंदर ही अपने देश से आतंकवाद का सफाया कर सकता है तो क्या हमारे पास श्रीलंका से कम संशाधन है या हमारी फोर्स कमजोर है जो पकिस्तान को कई मर्तबा धूल चटा चुकी है | आज हम टेक्नोलाजी में सबसे आगे है फ़िर भी इन नक्सलियों का सफाया करने में हम क्यो चूक रहे है ? मुझे तो इसमे सिर्फ़ और सिर्फ़ राजनितिक लाभ उठाने की ललक ही दिखाई पड़ती है |राज्य शासन केन्द्र पर जिम्मेदारी डालता है और केन्द्र शासन राज्य पर, दोनों ही अपना राजनितिक लाभ उठाना चाहते है |
जरुरत सिर्फ़ एक अदद इक्षाशक्ति की है जिसकी कमी हमारी सरकारों में है | और अब हमारी सरकार और प्रशाशन को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए की वे जो भी योजनायें बनाते है या क्रियान्वित करते है उनका लाभ पंक्ति में खड़े आखरी व्यक्ति तक पहुंचे जिससे फ़िर कभी किसी नक्सल बाडी से किसी नक्सलवाद का जन्म न हो और ये जिम्मेदारी केवल शासन और प्रशाशन की ही नही आप की और मेरी भी है | जरुरत है अब हमें जागरूक होने की अपने देश के लिए मैं आप से ये नही कहता की सभी को सीमा पर जाकर लड़ना चाहिए पर हम थोड़े से जागरूक हो कर देश के लिए बहुत कुछ कर सकते है |